Tuesday, July 7, 2009

श्रीमती साध्वी बाजपेयी - आशा बर्मन


Sunday, June 14, 2009

श्रीमती साध्वी बाजपेयी एक प्रतिभाशाली तथा समर्थ महिला हैं, जिनका सम्मान श्रीमती ऊषा अग्रवाल ने ९ मई, २००९ को अपने भव्य निवासस्थान पर किया। ८३ वर्षीय साध्वी जी ने नाटक तथा अन्य संगीत अनुष्ठानों के द्वारा कनाडा की विभिन्न दातव्य संस्थाओं (charitable organizations) को लगभ १००,००० डॉलर दानस्वरूप दिया। इनसे प्रभावित होकर कनाडा के गवर्नर जनरल ने इन्हें ‘Caring Canadian Award’ प्रदान किया।साध्वी जी टोरोंटो तथा इसके निकटवर्ती क्षेत्रों में हिन्दी के सुन्दर नाटकों के निर्देशन तथा मंचन के लिए प्रसिद्ध हैं। एक बार जो इनका नाटक देख लेता है, अगले नाटक की प्रतीक्षा करने लगता है। यहाँ के यंत्रचालित जीवन से उबरने के लिये हम प्रवास भारतीय सदैव स्वस्थ मनोरंजन के उत्तम साधनों की खोज में रहते हैं।ऐसे तो कई प्रवासी भारतीय सांस्कृतिक कार्यों द्वारा भारतीय भाषा, संगीत, नृत्य, नाटक के प्रसार में संलग्न हैं पर साध्वी जी उन विरल लोगों में से हैं, जिनके प्रयासों से कनाडा का सम्पूर्ण जनसमाज प्रभावित तथा लाभान्वित हुआ है।
इन्होंने १९९० में ओन्टेरियो के किचनर-वाटरलू के क्षेत्र में ’तरंग’ नामक एक संस्था का संगठन किया। इसी संस्था ने हिन्दी के नाटक तथा संगीत कार्यक्रमों का आयोजन कर, विपुल धनराशि अर्जित कर जिन दातव्य संस्थाओं को दिये उनके नाम हैं – हार्ट एंड स्ट्रोक फ़ाउन्डेशन, कैनेडियन कैंसर सोसाईटी, आर्थराईटिस सोसाईटी, होम्स फ़ॉर अब्यूज़्ड विमेन एंड चिल्ड्रन इत्यादि। यह संस्था अभी भी सक्रिय है। १९९० से अब तक ’तरंग’ ने “ढोंग”, “हंगामा”, अण्डरसेक्रेटरी, पैसा-पैसा-पैसा, श्री भोलानाथ, ताजमहल का टेन्डर तथा अपने-अपने दाँव जैसे रोचक सामाजिक नाटकों का सफल प्रदर्शन कर जनता का मन जीत लिया। इनके नाटकों में कार्य करने वाले कलाकारों के नाम हैं – श्रीमती रीता खान तथा श्री अरशद खान (साध्वी जी की पुत्री व जंवाई), श्री शशी जोगलेकर तथा श्रीमती अन्विता जोगलेकर, श्रीमती रेणु भण्डारी, श्री पामे विरधि, श्री हौरेस कोहेलो तथा श्रीमती रीटा कोहेलो, किशोर व्यास, प्रकाश खरे, शांता और लक्ष्मण रागडे, कुसुम और विनोद भारद्वाज और जैस्सिका मिरांडा। मंच-सहायक के रूप में श्री कुरेश बन्टूक, श्री किशोर व्यास, श्रीमती अनिला ओझा, श्री प्रकाश खरे, श्रीमती उल्का खरे, प्रीत आहूजा, शान्ति तथा लक्ष्मण रेगड़े ने कार्य किया।इसके अलावा साध्वी जी ने Club 600 नामक एक सीनियर क्लब में तीन वर्षों तक अध्यक्षा का पद सम्हाला।

ओन्टेरियो से पूर्व साध्वी जी न्यू-ब्रान्ज़विक में कुछेक वर्ष रहीं, जहाँ 1982 में इन्हें Woman of the year का सम्मान मिला। भारतवर्ष में कई वर्ष ये Girl Guide जुड़ी रहीं। एक कलाकार का सही परिचय उसकी कला है। साध्वी जी के नाटकों से जितना मैंने जाना व समझा है मैं सदैव ही उनसे प्रभावित रही हूँ। ऐसा लगता है, मानों उनकी शिराओं में कला व सृजनशीलता रक्त की भाँति प्रवाहित होती रहती है। उन्होंने अपने जीवन से यह सिद्ध कर दिया है कि एक सच्चे कलाकार को आयु, स्वास्थ्य, समय व देश की सीमा से बाँधा नहीं जा सकता। “अपने अपने दाँव” के प्रदर्शन के समय साध्वी जी अपने अभिनेता-अभिनेत्रियों के उत्साह को बढ़ाने के लिये अस्वस्थ होते हुए भी व्हीलचेयर पर ऑक्सीजन के यंत्र के साथ उपस्थित रहीं। उनके व्यक्तित्व का सबसे प्रभावशाली रूप मुझे लगता है कि सदैव उनके मुख पर सहज मधुर मुस्कान विद्यमान रहती है।साध्वी जी को देखकर मुझे हिन्दी के वरिष्ठ कवि श्री जयशंकर

प्रसाद जी की ये पंक्तियाँ सहज ही स्मरण हो आती हैं –

नारी तुम केवल श्रद्धा हो, विश्वास रजत नग पगतल में।
पीयूष-स्रोत सी बहा करो, जीवन के सुन्दर समतल में॥

सत्य ही है, कनाडा की सुन्दर समतल भूमि में साध्वी जी की कला अमृतधारा की भाँति वर्षों से प्रवाहित होती रही है। हम दर्शक उसी रस से सराबोर होकर सदैव आनन्दित होते रहे हैं।

7 comments:

  1. Adarneeya Shrimati Sadhvee Bajpeyee ji ke karyon aur seva ke bare men padhkar achchhaa laga.Unakee kalatmak pratibha ko jitana bhee sammanit kiya jay kam hai.
    Asha ji apako bhee bahut badhai itanee umradaraj kalakar aur unake kala ke prati samarpan ke bare men lekh padhvane ke liye.
    shubhakamnaon ke sath.
    Hemant kumar

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  2. badhaai !
    swagat hai aapka.........

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  3. प्रेरनादायक! इस तरह के विषय का अपना मह्त्व है।

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  4. हिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |

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  5. यह सब भी जिन्दगी का एक हिस्सा है, जिसे हमें स्वीकार करना पडता है ।

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  6. ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है

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  7. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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