छोटी छोटी बातों में, कितना सुख समाया है,
उनकी वो मुस्कुराहट, उनके आने की आहट,
छोटी सी पाती में किसका सन्देसा आया है।
छोटी छोटी बातों में....
नन्हे से ताल में, पूरे गगन की छाया,
छोटे से पंछी ने, उड़ने को पर फैलाया,
नन्हीं सी कलियों ने, सौरभ कितना बिखराया है।
छोटी छोटी बातों में....
छोटे से शब्द 'माँ' में, कितना छिपा है प्यार,
छोटी सी एक ’हाँ’ ने, बदला मेरा संसार,
थोड़ा सा देकर मन ने, कितना कुछ पाया है।
छोटी छोटी बातों में....
कुछ ही शब्दों से मिलकर, गीत एक बन जाता है,
सात सुर की सरगम से, उनमें स्वर ढल जाता है,
उन गीतों से किसी ने, सपना सजाया है।
छोटी छोटी बातों में, कितना सुख समाया है
छोटे से पंछी ने, उड़ने को पर फैलाया,
नन्हीं सी कलियों ने, सौरभ कितना बिखराया है।
छोटी छोटी बातों में....
छोटे से शब्द 'माँ' में, कितना छिपा है प्यार,
छोटी सी एक ’हाँ’ ने, बदला मेरा संसार,
थोड़ा सा देकर मन ने, कितना कुछ पाया है।
छोटी छोटी बातों में....
कुछ ही शब्दों से मिलकर, गीत एक बन जाता है,
सात सुर की सरगम से, उनमें स्वर ढल जाता है,
उन गीतों से किसी ने, सपना सजाया है।
छोटी छोटी बातों में, कितना सुख समाया है
छोटी छोटी बात से सुन्दर हो संसार।
ReplyDeleteरचना में जो भाव हैं अच्छा लगा विचार।।
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सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
सही बात है, सुख मन में बसता है.
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