Monday, August 10, 2009

अभिनय- आशा बर्मन






हम अभिनय करते हैं।


लेकर चरित्र हम जीवन से
उसे सजाकर अभिनय से
निज परिश्रम से उनमें
रंग जीवन के भरते हैं।
हम अभिनय करते हैं॥


नाट्यरस में डूब-डूब कर,
निज स्वरूप को भूल-भूल कर,
अभिनीत चरित्रों में रमकर
सपनों में विचरते हैं ।
हम अभिनय करते हैं॥


कंठ्स्थ करें संवादों को,
जीवन्त करें उन भावों को,
सब पात्रों से रख तालमेल,
अभ्यास सतत हम करते हैं।
हम अभिनय करते हैं ॥



साधना कठिन थी अनिवार्य,
बाधायें सारी कीं शिरोधार्य ।
सबसे सहयोग किया सबने,
स्वान्तःसुखाय सब किया कार्य॥

दर्शक हो चाहे निर्देशक,
सबके कटाक्ष हम सहते हैं।
हम अभिनय करते हैं ॥


यह रंगमंच है जीवन का,
हम आप सभी हैं अभिनेता,
निर्देशक है वह परमपिता,
जिसके सशक्त संकेतों पर,
हम सभी थिरकते रहते हैं।
हम अभिनय करते हैं ॥


2 comments:

  1. सही कहा हम अभिनय ही तो कर रहे है.
    सुन्दर प्रस्तुति

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