
हम अभिनय करते हैं।
लेकर चरित्र हम जीवन से
उसे सजाकर अभिनय से
निज परिश्रम से उनमें
रंग जीवन के भरते हैं।
हम अभिनय करते हैं॥
नाट्यरस में डूब-डूब कर,
निज स्वरूप को भूल-भूल कर,
अभिनीत चरित्रों में रमकर
सपनों में विचरते हैं ।
हम अभिनय करते हैं॥
कंठ्स्थ करें संवादों को,
जीवन्त करें उन भावों को,
सब पात्रों से रख तालमेल,
अभ्यास सतत हम करते हैं।
हम अभिनय करते हैं ॥
साधना कठिन थी अनिवार्य,
बाधायें सारी कीं शिरोधार्य ।
सबसे सहयोग किया सबने,
स्वान्तःसुखाय सब किया कार्य॥
दर्शक हो चाहे निर्देशक,
सबके कटाक्ष हम सहते हैं।
हम अभिनय करते हैं ॥
यह रंगमंच है जीवन का,
हम आप सभी हैं अभिनेता,
निर्देशक है वह परमपिता,
जिसके सशक्त संकेतों पर,
हम सभी थिरकते रहते हैं।
हम अभिनय करते हैं ॥
Sachmuch.
ReplyDelete{ Treasurer-S, T }
सही कहा हम अभिनय ही तो कर रहे है.
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति